डालनवाला स्थित राजेश रावत कालोनी में सरकारी भूमि पर किए गए अतिक्रमण को हटाने पहुंची नगर निगम की टीम को स्थानीय लोगों के विरोध के चलते बैरंग लौटना पड़ा। पूर्व पार्षद समेत चुनाव की तैयारी में जुटे दावेदार भी अतिक्रमणकारियों के पक्ष में खड़े हो गए।
दरअसल, मलिन बस्ती नियमितीकरण नीति के तहत साल-2016 के बाद नदी-नालों के किनारे समेत तमाम सरकारी भूमि पर किए गए निर्माण को अवैध घोषित किया गया है। ऐसे मकानों को नगर निगम की ओर से बिजली-पानी के कनेक्शन न देने के लिए भी संबंधित विभागों को पत्र लिखे गए हैं।
क्षेत्रवासियों का कहना था कि वह लंबे समय से यहां रह रहे हैं, इसलिए कार्रवाई न की जाए। इस मौके पर पूर्व पार्षद और चुनाव की तैयारियों में जुटे तमाम लोगों ने निगम टीम का जमकर विरोध किया। भीड़ अधिक होने पर नगर निगम की टीम को वापस लौटना पड़ा।निगम अधिकारियों के अनुसार वर्ष 2016 के बाद नदी किनारे हुए निर्माण अवैध हैं, जबकि इससे पहले बनाए गए भवनों के लिए सरकार की ओर से अध्यादेश लाया गया है। जिसके चलते उन्हें वैध की श्रेणी में माना जाता है। अब नगर निगम की टीम अतिक्रमण ध्वस्त करने को लेकर नए सिरे से रणनीति बनाने में जुट गई है।