तीन दिन पूर्व हुई वर्षा से जंगलों में विकराल हुई आग ठंडी पड़ गई थी। लेकिन, दो दिन से लगातार चढ़ रहे पारे से एक बार फिर जंगलों में आग लगनी शुरू हो गई है।बुधवार को देवीखाल-गुमखाल के मध्य जंगलों में भीषण आग लगी थी। चारों ओर फैले धुएं से आसपास के ग्रामीणों का सांस लेना भी दूभर हो गया था। यही नहीं, धुआं राष्ट्रीय राजमार्ग से आवाजाही करने वाले वाहन चालकों के लिए भी मुसीबत कर रहा था।
गर्मी के मौसम में जंगलों में आग लगने की घटनाएं थमने का नाम नहीं ले रही हैं। अप्रैल माह के अंत से ही लगातार जंगल धधक रहे थे। स्थिति वन विभाग के कंट्रोल से बाहर हो चुकी थी। ऐसे में तीन दिन पूर्व हुई वर्षा ने जंगलों की आग को शांत किया।लेकिन, अब दोबारा पारा चढ़ने के साथ ही जंगलों में आग की घटना बढ़ने लगी हैं। देवीखाल-गुमखाल के मध्य आग लगने से कई हेक्टेयर क्षेत्र में फैली वन संपदा जलकर खाक हो गई। आग गांव व व्यवसायिक प्रतिष्ठानों तक न पहुंचे। इसके लिए ग्रामीण आसपास के क्षेत्र में चीड़ की पत्तियों को साफ करते हुए नजर आए। धुएं के कारण राष्ट्रीय राजमार्ग में भी गहरी धुंध छाई हुई थी।
नौ मई के बाद से कुमाऊं के जंगलों मे आग का एक भी मामला सामने नहीं आया था। जबकि इससे पूर्व लगातार स्थिति नियंत्रण से बाहर हो रही थी, जिस वजह से वन विभाग संग ग्रामीण भी परेशान नजर आए। वहीं, वन संरक्षक पश्चिमी वृत्त डा. विनय कुमार भार्गव ने बताया कि बुधवार को देचौरी रेंज के धमोला कक्ष के जंगल में आग लगी थी।
कड़ी मशक्कत के बाद वनकर्मियों ने यहां आग पर काबू पाया। मगर देर रात गौलापार स्थित प्रस्तावित चिड़ियाघर के जंगल में आग लग गई। सूखेपन के कारण देखते-देखते लपटें बढ़ती चली गई। वहीं, सूचना पर गौला रेंज की टीम मौके पर पहुंची। रेंजर चंदन अधिकारी ने बताया कि वनकर्मी आग बुझाने में जुटे हुए हैं।