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बस्तियों में चिन्हित अवैध मकानों पर कार्रवाई को लेकर शनिवार को एसएसपी देहरादून अजय सिंह ने पुलिस कार्यालय सभागार में नगर निगम, जिला प्रशासन के अधिकारियों के साथ बैठक की। इस दौरान रिस्पना नदी के किनारे चिन्हित अवैध मकानों को ध्वस्त करने के लिए 27 मई सोमवार से अभियान शुरू करने का निर्णय लिया गया।
दरअसल, देहरादून की विभिन्न बस्तियों में वर्ष 2016 के बाद बनाए गए मकानों का ध्वस्तीकरण एनजीटी के आदेश पर होना है। नगर निगम और एमडीडीए की ओर से अपने-अपने स्तर पर इनको चिन्हित करके ऐसे सभी मकानों के स्वामियों को नोटिस जारी कर दिए गए हैं। इस नोटिस में उनको खुद ऐसे मकानों को ध्वस्त करने के लिए कहा गया है।
एसएसपी अजय सिंह ने शनिवार की बैठक में बताया कि पुलिस की उपलब्धता पूरी तरह से रहेगी, ताकि बस्तियों में ध्वस्तीकरण के दौरान कानून-व्यवस्था की स्थिति कायम रह सके। उन्होंने कहा कि ध्वस्तीकरण के लिए पुलिस फोर्स सोमवार से उपलब्ध करा दी जाएगी।
एसएसपी के साथ बैठक में नगर आयुक्त गौरव कुमार, पुलिस अधीक्षक नगर प्रमोद कुमार, अपर नगर आयुक्त वीर सिंह बुदियाल, उप नगर आयुक्त गोपाल राम बिनवाल, उप जिला अधिकारी सदर हरगिरि, सीओ आशीष भारद्वाज, अभिनय चौधरी और नीरज सेमवाल कई अफसर मौजूद रहे।
बस्तियों पर कार्रवाई के खिलाफ जन संगठन 30 मई को दून में आक्रोश रैली निकालेंगे। शनिवार को परेड ग्राउंड स्थित समाजवादी पार्टी कार्यालय में जन संगठनों की विपक्षी दलों संग बैठक में यह फैसला लिया गया।
इस अवसर पर वक्ताओं ने कहा कि विभिन्न इलाकों में नदी और नालों के आसपास बिल्डरों ने अतिक्रमण किया है। ऐसे मामले सामने भी आ रहे हैं। लेकिन, कार्रवाई नहीं की जा रही है। सीटू के राज्य सचिव लेखराज ने कहा कि तीस मई को तिलाड़ी विद्रोह की बरसी है और सीटू का स्थापना दिवस भी। इस दिन पूरे प्रदेश में कार्यक्रम होंगे और देहरादून में आक्रोश रैली निकाली जाएगी।