हवालबाग विकासखंड के स्यूरा गांव में जंगल की आग की चपेट में आकर एक दो-मंजिला मकान जलकर खाक हो गया। सूचना के बाद मौके पर पहुंची फायर सर्विस टीम ने बमुश्किल आग पर काबू पाया। गनीमत रहीं कि मकान स्वामी पूर्व में ही वहां से पलायन कर चुके थे। जिससे एक बड़ा हादसा होने से टल गया।जंगलों में आग की घटनाएं अब लोगों के लिए मुसीबत बनकर सामने आ रही हैं। हर दिन धधक रहे जंगलों से वातावरण में चारों और धुंध छा गई है। वहीं बीते मंगलवार देर शाम कोसी के पास जंगलों में लगी आग स्यूरा गांव तक पहुंच गई। जिससे लोगों में हड़कंप मच गया।
आग की चपेट में आकर भवानी दत्त भट्ट का दो मंजिला मकान जलकर स्वाहा हो गया। सूचना के बाद मौके पहुंची फायर सर्विस टीम ने बमुश्किल आग पर काबू पाया। जिसके बाद लोगों ने राहत की सांस ली। यहां एफएस डीवीआर उमेश सिंह, देवेंद्र गिरी, भुवन कुमार, कैलाश सिंह, कल्पना, लीला आदि मौजूद रहे।जिले के विभिन्न स्थानों में जंगल आग से धधक रहे हैं। वहीं लमगड़ा ब्लाक के उत्तरीगौला रेंज के चौड़ा और अनुली एवं डोल के जंगलों में दो दिन से आग धधक रही है। आग से चारों और धुंध छा गई है। जिससे लोगों की परेशानी बढ़ गई है। जबकि आग लगने से हजारों की वन संपदा जलकर खाक हो गई है।
जिले में वनाग्नि की 114 घटनायें, 172 हे. जंगल प्रभावित
पिथौरागढ़ जिले में शनिवार के बाद जंगलों में आग लगने की कोई घटना नहीं हुई है। शनिवार को जिला मुख्यालय के नजदीकी वमनधौन के जंगलों में आग लगी। वनाग्नि से करीब .50 हेक्टयेर जंगल प्रभावित हुआ। वन विभाग के रिकार्ड में वनाग्नि की यह घटना दर्ज नहीं है।
जिले में फायर सीजन के दौरान वनाग्नि की कुल 114 घटनायें हुई हैं, जिनमें 172 हेक्टयेर जंगल जला है। आरक्षित वनों में वनाग्नि की 38 घटनाओं में 53.45 हेक्टेयर और पंचायती वनों में हुई 76 घटनाओं में 118.75 हेक्टयेर जंगल प्रभावित हुआ है। वन विभाग वनाग्नि के चलते 4.05 लाख की क्षति का आंकलन किया है।हालांकि धरातल और वन विभाग के रिकार्ड में काफी अंतर है। वन विभाग सिर्फ देहरादून में सेटेलाइट से पकड़ में आ रही वनाग्नि की घटनाओं को ही अपनी रिकार्ड में दर्ज कर रहा है। आसपास के दो जंगलों में लगी घटनाओं को एक ही दिखाया जा रहा है।