प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत चिन्हीकरण से वंचित ग्रामीण परिवारों को भी योजना का लाभ मिलने का रास्ता खुल गया है। केंद्र सरकार ने उत्तराखंड के प्रदर्शन को देखते हुए प्रदेश को स्थायी पात्रता सूची के लक्ष्य से अधिक आवास आवंटित कर दिए हैं।
इस कारण ग्रामीण क्षेत्रों में आवासहीन परिवारों का सर्वे नए सिरे से किया जाना तय है। पीएम आवास योजना ग्रामीण के तहत राज्य में वर्ष 2016 में आवास सर्वे किया गया था। तब प्रदेश में आवासहीन परिवारों की संख्या 73 हजार पाई गई थी, जिसमें से अब तक केंद्र सरकार 46 हजार आवास स्वीकृत कर चुकी है।
उत्तराखंड ने योजना के क्रियान्वयन में अच्छी प्रगति दर्ज की है, इस कारण केंद्र सरकार ने राज्य के शेष आवास 26 हजार के मुकाबले 33 हजार आवास स्वीकृत कर दिए हैं। इस तरह राज्य को करीब सात हजार अतिरिक्त आवास मिले हैं।
प्रधानमंत्री आवास योजना (ग्रामीण) का संचालन ग्राम्य विकास मंत्रालय करता है। इसके तहत केंद्र सरकार ग्रामीण क्षेत्र में घर बनाने के लिए 1.30 लाख रुपये की आर्थिक सहायता प्रदान करती है। साथ ही लाभार्थी को 90 दिन मनरेगा मजदूरी और राज्य सरकार की ओर से पांच हजार रुपये दिए जाते हैं।