उत्तराखंड के मंगलौर विधानसभा उपचुनाव में जीत दर्ज करने वाले कांग्रेस प्रत्याशी काजी निजामुद्दीन तीन बार मंगलौर से विधायक बन चुके हैं।वह राजस्थान कांग्रेस के सह प्रभारी हैं। उनके पास संगठन में राष्ट्रीय सचिव की जिम्मेदारी है।उच्च शिक्षित काजी निजामुद्दीन के पिता काजी मोहयूद्दीन उत्तर प्रदेश में वन एवं उप कारागार मंत्री रहे हैं। उत्तराखंड बनने के बाद वह प्रदेश की विधानसभा के पहले प्रोटम स्पीकर रहे हैं।काजी निजामुद्दीन ने वर्ष 2002 में बसपा से मंगलौर सीट से पहला चुनाव लड़ा था और जीत हासिल की थी। 2007 के चुनाव में वह फिर से बसपा के बैनर तले चुनाव मैदान में उतरे और जीत हासिल की। इसके बाद उनको बसपा से निष्कासित कर दिया गया था।
2012 के चुनाव में वह कांग्रेस के टिकट पर मंगलौर विधानसभा के चुनाव में उतरे और बसपा से हाजी सरवत करीम अंसारी ने उनको चुनाव हरा दिया। इसके बाद 2017 में काजी निजामुद्दीन ने कांग्रेस के टिकट पर मंगलौर से जीत हासिल की।2022 के चुनाव में हाजी सरवत करीम अंसारी ने काजी निजामुद्दीन को चुनाव हराकर जीत हासिल की। पिछले साल नवंबर में हाजी सरवत करीम अंसारी के निधन के बाद अब चुनाव हुए हैं। जिसमें फिर से काजी निजामुद्दीन ने जीत हासिल की है।