हरियाणा के नूंह में हुई हिंसा के पीछे पुलिस की नाकामी सबसे बड़ी वजह के रूप में सामने आ रही है। हिंसा के बाद नूंह, गुरुग्राम, फरीदाबाद और सोहना में हर तरफ दहशत का माहौल है। सोमवार दोपहर एक बजे से देर शाम तक झड़पें होती रहीं और पुलिस हालात पर नियंत्रण नहीं कर पाई। एक दिन पहले सोशल मीडिया पर मोनू मानेसर की तरफ से जारी एक वीडियो से लोगों में भारी आक्रोश था।
बहरहाल, विश्व हिंदू परिषद और मातृशक्ति दुर्गा वाहिनी की तरफ से निकाली गई बृजमंडल यात्रा के दौरान हुए बवाल से जिले में दहशत का माहौल है। जिला स्थित अधिकांश बाजार बंद कर दिए गए हैं। अधिकांश लोग घर में हैं। बताया जा रहा है कि नल्हड़ और शहर के बाकी हिस्सों में देर शाम तक रुक-रुक कर झड़पें होती रहीं। पलवल के एसपी को शांति-व्यवस्था को कायम करने की कमान सौंपी गई है। बता दें कि एक दिन पहले ही गो रक्षक मोनू मानेसर ने इस यात्रा में अपनी टीम के साथ शामिल होने की जानकारी देते हुए वीडियो जारी किया था। इसमें उसने सभी को यात्रा में आने की अपील की थी।
यात्रा में मोनू मानेसर शामिल नहीं हुआ : बताया जा रहा है कि वीडियो को देखकर राजस्थान के भरतपुर की पुलिस टीम मोनू को पकड़ने के लिए नूंह पहुंची थी, लेकिन मोनू मानेसर यात्रा में नहीं पहुंचा। मोनू पर राजस्थान में भरतपुर के रहने वाले दो युवकों नासिर और जुनैद की हत्या का आरोप है। दोनों को हरियाणा के भिवानी में उनकी गाड़ी के अंदर जिंदा जला दिया गया था।