बदरीनाथ में पंच पूजाएं 13 से 15 नवंबर तक, धाम के 17 नवंबर को बंद होंगे कपाट

बदरीनाथ धाम में कपाट बंद होने से पूर्व पंच पूजायें बुधवार 13 नवंबर से शुरू होंगी। श्री उद्धव जी और श्री कुबेर जी शीतकाल में पांडुकेश्वर प्रवास करेंगे जबकि आदि गुरु शंकराचार्य जी की गद्दी 19 नवंबर मंगलवार को श्री नृसिंह मंदिर परिसर में विराजमान हो जायेगी।

बदरीनाथ धाम के कपाट बंद होने की तिथि तय करने के लिए शनिवार को पूर्वाह्न ग्यारह बजे से कार्यक्रम शुरू हुआ। इस समारोह में सैकड़ों की संख्या में श्रद्धालु और तीर्थयात्री भी मौजूद रहे। विजयादशमी के अवसर पर देव डोलियों के योग बदरी पांडुकेश्वर तथा श्री नृसिंह मंदिर जोशीमठ प्रस्थान का कार्यक्रम भी तय हुआ।

मीडिया प्रभारी डॉ हरीश गौड़ ने बताया बदरीनाथ के कपाट बंद होने से पहले होने वाली पंच पूजाओं के अंतर्गत सोमवार 14 नवंबर को पहले दिन श्री गणेश जी की पूजा तथा शाम को गणेश जी के कपाट बंद होंगे। 14 नवंबर को आदि केदारेश्वर मंदिर के कपाट बंद होंगे।

15 नवंबर को खड़क पुस्तक वाचन तथा वेद ऋचाओं का वाचन बंद हो जाएगा। शनिवार 16 नवंबर को माता लक्ष्मी जी को कढ़ाई भोग लगाया जाएगा। 17 नवंबर शाम सात बजे बाद कपाट बंद होने की प्रक्रिया शुरू हो जाएगी।

रावल जी स्त्रत्त्ी रूप धारण कर माता लक्ष्मी को परिसर स्थित मंदिर से बदरीनाथ मंदिर के गर्भगृह में विराजमान करेंगे। इससे पहले उद्धव जी एवं कुबेर जी मंदिर गर्भगृह से बाहर परिसर में आयेंगे।

देव डोलियों के शीतकालीन पूजा स्थल प्रस्थान के तहत 18 नवंबर को श्री उद्धव जी, श्री कुबेर जी सहित रावल अमरनाथ नंबूदरी तथा आदि गुरु शंकराचार्य जी की गद्दी रात्रि प्रवास हेतु योग बदरी पांडुकेश्वर पहुंचेंगे।

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