इसमें विवाह, तलाक, विवाह शून्यता, लिव इन व वसीयत आदि का समय-समय पर पंजीकरण कराने की व्यवस्था की गई है। तत्काल सेवा के तहत त्वरित पंजीकरण के लिए अलग-अलग शुल्क निर्धारित किया जा रहा है।
ऑनलाइन पोर्टल में यूसीसी पर 22 भाषाओं में मिलेगी जानकारी
समान नागरिक संहिता के लिए बनाए गए पोर्टल को सभी के लिए इस्तेमाल योग्य बनाया गया है। कोई भी इसका इस्तेमाल कर सके, इसके लिए इसमें 22 भारतीय भाषाओं में अनुवाद की व्यवस्था की गई है।
वसीयत के लिए सेल्फ वीडियो रिकार्डिंग की व्यवस्था
नियमावली में व्यक्ति द्वारा वसीयत की घोषणा के लिए आनलाइन सेल्फ वीडियो रिकार्डिंग की व्यवस्था की गई है। वसीयत के न होने पर भी इसकी घोषणा वीडियो के जरिये आनलाइन की जा सकती है। जिस मामले में वसीयत नहीं होगी, उसमें महिलाओं और बच्चों को भी उत्तराधिकारी माना जाएगा।
सभी सूचनाओं का बनेगा केंद्रीयकृत डाटा
संहिता में विवाह, विवाह विच्छेद का केंद्रीयकृत डाटा बनाया गया है। इससे धोखाधड़ी व बहुविवाह पर रोक लगेगी। हितों के संरक्षण को इसमें अपील की भी व्यवस्था की गई है।
ऑनलाइन कर सकेंगे पंजीकरण
न्याय और विधायी विभाग से कई दौर के मंथन के बाद अब यह नियमावली अंतिम रूप ले चुकी है। 92 पन्नों की इस नियमावली में प्रदेश के सभी नागरिकों के विवाह, विवाह विच्छेद, उत्तराधिकार के अधिकार, लिव इन रिलेशनशिप व लिव इन रिलेशनशिप की समाप्ति का पंजीकरण करने की व्यवस्था बताई गई है। आवेदक ucc.uk.gov.in पर पंजीकरण कर सकेंगे।
लिव इन पर सहमति से समाप्त हो सकेगा पंजीकरण
लिव इन में साथ रहने वाले जोड़े आपसी सहमति से पंजीकरण निरस्त कर सकते हैं। यद्यपि इसमें एक साथी द्वारा समाप्ति के आवेदन पर दूसरे साथी की पुष्टि करना अनिवार्य किया गया है।