जल जीवन मिशन पर बजट का संकट गहरा गया है। अभी तक हो चुके कामों का करीब चार हजार करोड़ के करीब भुगतान होना है। राज्य की ओर से केंद्र को बजट की डिमांड भेजी गई है, लेकिन बजट अभी तक उपलब्ध नहीं हो पाया है। इससे राज्य में करीब एक हजार से अधिक पेयजल योजनाओं का काम प्रभावित हो गया है। जल जीवन मिशन में कुल 1450635 घरों को नल से जल उपलब्ध कराना है। अभी तक 1410348 घरों में कनेक्शन लगाए जा चुके हैं।
अभी भी 40287 घरों में कनेक्शन दिए जाने बाकी हैं। इन सभी घरों में लगाए गए पानी के नलों में पानी आ सके, इसके लिए 10 हजार से अधिक पेयजल योजनाओं का निर्माण किया जा रहा है। कई योजनाओं में अभी भी काम 10 प्रतिशत अधूरा है। तो कई योजनाओं में 40 प्रतिशत तक काम अधूरा है। अब इन योजनाओं को पूरा करने से ठेकेदारों ने हाथ खड़े कर दिए हैं। ठेकेदारों का साफ कहना है कि पहले अभी तक किए गए काम का पूरा भुगतान किया जाए।
जल निगम, जल संस्थान से लेकर सिंचाई विभाग को करीब चार हजार करोड़ के करीब का भुगतान किया जाना है। मौजूदा समय में राज्य की स्थिति भी ऐसी नहीं है कि वो अपने वित्तीय संसाधनों से योजनाओं को पूरा करा सके। ऐसे में भुगतान न होने की स्थिति में ठेकेदारों ने काम से हाथ खड़े कर दिए हैं। देवभूमि जलशक्ति कांट्रेक्टर वेलफेयर एसोसिएशन के उपाध्यक्ष सचिन मित्तल ने कहा कि बिना बजट के काम पूरा करना मुश्किल है। ऐसे में पूरी जवाबदेही जिम्मेदारी विभाग की है।
मार्च तक पानी पहुंचना मुश्किल
पेयजल एजेंसियों को 31 मार्च तक योजनाओं का काम पूरा करना है। मौजूदा हालात में 31 मार्च तक काम पूरा होना मुश्किल है। ऐसे में यदि योजना का समय न बढ़ाया गया तो योजनाओं को पूरा कराने में पसीने छूटना तय है।पेयजल सचिव शैलेश बगौली ने कहा, ‘केंद्र सरकार से मांग कर दी गई है। मांग के अनुरूप बजट उपलब्ध कराने को कहा गया है। ताकि पेयजल योजनाओं का काम तेजी के साथ पूरा किया जा सके। जल्द बजट उपलब्ध कराने के प्रयास किए जा रहे हैं।’