दो सिख कैंडिडेट्स को जज न बनाने पर सेंट्रल केंद्र पर तल्ख़ हुआ सुप्रीम कोर्ट परन्तु सरकार की पिक एंड यूज़ नीति पर उठे सवाल.

देहरादून. आज राष्ट्र वादी पंजाबी मोर्चा द्वारा प्रेस विज्ञप्ति जारी कर कहाँ की सबका साथ व सबका विकास का नारा बुलंद कर सत्ता में आई बीजेपी सरकार द्वारा लगतार सिख समुदाय की अनदेखी की जा रही है कॉलजीयम की और से दो सिखों वकीलों को हाई कोर्ट का जज बनाने को लेकर सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को यह टिपणी की माननीय अदालत ने कहाँ कि आखिर इस तरह सरकार ट्रांसफर और नियुक्ति के मामलो में कुछ नामो को चुनती है और कुछ को छोड़ देती है पंजाब एंड हरियाणा हाई कोर्ट के वकीलों हरमीत सिंह ग्रेवाल और दीपेंद्र सिंह नलवा को जज बनाने की सिफारिश की गयी थी.

इसका जिक्र करते हुऐ जस्टिस संजय किशन कौल और सुधांशु धुलिया की बैंच ने सवाल उठाया बैंच ने कहाँ की जिन दो उम्मीदवारो के नाम मंजूर नहीं किये गये वे दोनों सिख है ऐसा क्यों हो रहा है वही केंद्र सरकार की पिक एंड यूज़ की नीति पर भी सवाल उठाये है वही उत्तराखंड में भी बीजेपी सरकार की नीति सिखों के प्रति वोट थोक पद रोक वाली रही है जहाँ बीजेपी चुनावी मोड़ में आ कर सिख सम्मलेन का राग अलाप रही है परन्तु उनके अधिकारों पर चुपी धारण किये हुऐ है.

जहाँ उत्तराखंड में अभी तक लालबती मंत्री बनाने में सिख समुदाय को अभी तक नजरअंदाज किया जा रहा है जो की कतई उचित नहीं है और सबका साथ व सबका विकास पर भी गंभीर सवाल है.

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