उत्तराखंड हाई कोर्ट ने प्रदेश भर के जिला सहकारी बैंकों में चतुर्थ श्रेणी की भर्ती प्रक्रिया में अनियमिताओं के मामले में सरकार को जांच रिपोर्ट पर आवश्यक कार्रवाई करने के लिए 10 दिन की मोहलत दी है। हरिद्वार निवासी प्रियांशु त्यागी की जनहित याचिका पर सुनवाई करते हुए मुख्य न्यायाधीश विपिन सांघी और न्यायमूर्ति राकेश थपलियाल की बेंच ने निर्देश जारी किए। सचिव सहकारिता वीबीआर पुरषोत्तम और प्रकरण की जांच कर रहे नीरज बेलवाल अदालत में पेश हुए।
सरकार की ओर से सभी जिलों की जांच रिपोर्ट अदालत में पेश की गई। सचिव ने अदालत को बताया कि जांच पूरी कर ली गई है। रिपोर्ट शासन को सौंप दी गई है। उन्होंने अदालत से आवश्यक कार्यवाही के लिए एक महीने का समय मांगा लेकिन अदालत ने उनकी मांग को अस्वीकार कर दिया। उन्होंने अदालत के सवाल के जवाब में कहा कि जांच पूरी कर ली गयी है। तीन सदस्यीय जांच कमेटी की ओर से जांच पूरी निष्पक्षता से की गई है। केन्द्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) से जांच कराने की आवश्यकता नहीं है।
अंत में अदालत ने सरकार को जांच रिपोर्ट पर आवश्यक कार्रवाई के लिए 10 दिन की मोहलत दे दी। इस मामले में अगली सुनवाई 11 अक्टूबर को करेगी। याचिकाकर्ता ने दायर जनहित में कहा कि 423 पदों के लिए वर्ष 2020 में शुरू भर्ती प्रक्रिया में बड़ी अनियमितताएं सामने आई हैं। याचिकाकर्ता की ओर से इस मामले की सीबीआई जांच की मांग की गई है।